पित्त की पथरी क्या होती है?
पित्त की पथरी पित्ताशय में मौजूद पाचक द्रव (पित्त) का ठोसावस्था में जमा होना है। यह भारत में सामान्य आबादी के 10-20% को प्रभावित करने वाली बीमारी है।पित्त की पथरी क्यों बनती है? यदि पित्ताशय में मौजूद पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल एंजाइम नहीं घुला पाता है तो यह ठोस बन कर पत्थर का आकार ले लेता है। इसके अलावा अगर पित्त में बहुत अधिक बिलीरुबिन होता है, जैसे यकृत के सिरोसिस या कुछ रक्त विकारों में तो यह पत्थर के गठन का कारक होता है। अंत में, यदि पित्ताशय अच्छी तरह से खाली नहीं होता है, तो इससे ठहराव और पत्थर का गठन होता है। ऐसी अवस्था में हमें क्या करना चाहिए गॉलब्लैडर में स्टोन होने पर आपको चाय, कॉफी या एल्कोहॉल का सेवन नहीं करना चाहिए। आपको ऐसे फूड्स को अवॉइड करना है जिसको खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए। अगर आपके गॉल ब्लैडर में स्टोन है तो आपको ब्रेड, पास्ता नहीं खाना चाहिए। क्रीमी सॉस, चीज़, मेयोनीज़ भी अवॉइड करें। पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।

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