सिर दर्द क्या है? क्यों होता है?
आज के इस दौर में हमारे बीच कई तरह की बीमारियां आम हो चुकी हैं। मुख्य रूप से बात की जाए शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दर्द की, इसमें सिर दर्द एक ऐसी अवस्था है जो हमें बुरी तरह परेशान कर सकती हैं। विभिन्न बातों द्वारा अत्यधिक तनाव एवं कुछ अन्य कारणों की वजह से यह स्थिति पैदा हो सकती है। चाहे कोई भी कारण क्यों ना हो, हमारी यही कोशिश रहती है कि किसी ना किसी तरह से यह दर्द ठीक हो जाए। आमतौर पर यह एक सामान्य दर्द माना जाता है। लेकिन हां, कई लोगों में यह स्थिति गंभीर हो जाती है और डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी होता है। आज मेवाड़ हॉस्पिटल की टीम बात करेगी सिर दर्द से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर।
जानें क्या है सिर दर्द
यह एक ऐसा दर्द है जो हमारी पूरी दिनचर्या प्रभावित कर सकता है। वैसे तो यह सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन कई लोगों को खासतौर से पेशानी के दोनों ओर दर्द महसूस होता है। ज़्यादा तेज़ प्रभाव होने की वजह से हम अपने कामों को बखूबी करने में असमर्थ हो जाते हैं। यह दर्द धीरे-धीरे भी बढ़ता है और कुछ मौकों पर इसका प्रभाव एकदम से महसूस होता है। यदि आपने सिर में दर्द महसूस किया है, तो आप जानते होंगे कि इसका प्रभाव समय के साथ कम होने लगता है। लेकिन हां, यदि कारण गंभीर है तो यह कई दिनों तक भी अपना प्रभाव छोड़ सकता है। आमतौर पर सिर दर्द को गंभीर नहीं माना जाता है। लेकिन यदि यह एक लंबे समय तक महसूस हो रहा हो और घरेलू इलाज द्वारा भी आराम ना मिले, तो ज़रूरी है कि एक बार डॉक्टर से बात कर ली जाए।
सिर दर्द के कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक सिर दर्द के तकरीबन 300 प्रकार हैं और उनमें से कुछ ही के कारण हमारे और आपक सामने हैं। आइए जानते हैं उन्हीं में से कुछ प्रमुख कारण।
1. प्राथमिक दर्द (Primary Headache)
इस श्रेणी में दवाइयों के सेवन, मांसपेशियों में तनाव, हार्मोन में बदलाव या फिर पानी की कमी के कारण दर्द की उपस्थिति होती है। कुछ मौकों पर मानसिक तनाव, गलत तरीके से उठने-बैठने की आदत, शराब का सेवन, नींद की कमी या समय पर भोजन ना करने की वजह से भी इस प्रकार का दर्द हो सकता है। प्रारंभिक रूप से होने वाले दर्द में शामिल है माइग्रेन, एक्सरसाइज हेडेक, टेंशन हेडेक, आदि।
- माइग्रेन
सिर दर्द की श्रेणी में माइग्रेन के बारे में आमतौर पर बात की जाती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसका प्रभाव कुछ घंटों से लेकर काफी दिनों तक रह सकता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है। इसका कारण हार्मोन में बदलाव माना जाता है। माइग्रेन का असर विभिन्न आयु श्रेणी के लोगों में देखा जाता है। ये रोशनी और आवाज़ की संवेदनशीलता, उल्टी या उबकाई के साथ भी हो सकता है। लेकिन सभी लोगों में एक जैसा प्रभाव देखने को नहीं मिलता। माइग्रेन के कारण अज्ञात हैं। लेकिन यह अनुमान लगाया जाता है कि दिमाग और जीन में बदलाव के कारण इस तरह की परेशानी हो सकती है। - टेंशन हेडेक
यह भी आमतौर पर होने वाला दर्द है जिस कारण सिर के दोनों भागों में दर्द महसूस किया जाता है। सिर के अलावा कंधे और गर्दन में दर्द की शिकायत पाई जाती है। इस दर्द का कारण मानसिक तनाव, थकान, या फिर शरीर के कुछ ऊपरी हिस्सों के जोड़ों और मांसपेशियों में परेशानी होती है। - एक्सरसाइज़ हेडेक
जब कोई व्यक्ति थकान भरी गतिविधि या एक्सरसाइज़ करता है, तो इस कारण उसे दिमाग-संबंधी परेशानी महसूस हो सकती है जिसकी वजह से दर्द भी महसूस होता है। एक्सरसाइज़ करना यकीनन ज़रूरी है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यह एक सीमा तक की जाए। अन्यथा सिर में दर्द जैसी परेशानी सामने आ सकती है।
2. माध्यमिक (Secondary Headache)
अब बात की जाए सिर में दर्द की दूसरी श्रेणी, की तो यह किसी मेडिकल-संबंधी परेशानी के कारण हो सकती है। इसमें स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, इंफेक्शन, प्रेगनेंसी, डिहाइड्रेशन, दांत-संबंधी परेशानी, खून का थक्का जमना और हाइपरटेंशन आदि शामिल हैं।
- साइनस हेडेक
इस तरीके के दर्द में पेशानी, आंखों और गाल के करीब प्रेशर महसूस किया जाता है। यह माइग्रेन की वजह से भी हो सकता है। यह दर्द उस वक्त ज़्यादा बढ़ सकता है कि जब कोई व्यक्ति अपने आप को आगे की तरफ झुकाए, जैसा कि माइग्रेन में भी देखने को मिलता है। इस स्थिति में बंद नाक और ऊपर के दांतो में दर्द भरी झनझनाहट हो सकती है। इस दर्द का प्रभाव कुछ दिन या उससे भी अधिक हो सकता है। - दवाइयों का ज़्यादा सेवन
कुछ मौकों पर कई सारी दवाइयां एक लंबे समय तक लेने के कारण भी टेंशन हैडेक या फिर माइग्रेन जैसी समस्या हो सकती है।
प्रेगनेंसी का सिर दर्द से संबंध
प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं के लिए सिरदर्द का सामना करना आम बात मानी जाती है। ऐसे समय पर उनके शरीर में हार्मोन का बदलाव और तनाव होने के कारण दर्द महसूस होता है। लेकिन हां, इस अंतराल में ध्यान देने की बहुत ज़रूरत है। दर्द को दूर करने के लिए दवाइयों का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसके बजाय कुछ घरेलू उपाय जैसे बर्फ का सेक या थैरेपी की मदद ली जा सकती है। दवाइयां सिर्फ डॉक्टर की सलाह के साथ ही लें।
बार-बार सिर में दर्द होना
कभी-कभी अचानक से हमें सिर में दर्द महसूस होता है जिसे हम कुछ देर के लिए बर्दाश्त करते हैं। लेकिन जब यह लगातार होने लग जाए तो हमारे लिए एक मुश्किल स्थिति बन जाती है। कुछ मौके तो ऐसे हो जाते हैं जहां दर्द को बर्दाश्त बहुत मुश्किल हो जाता है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द यह कम हो जाए। वैसे तो लाखों लोग दुनिया में इस तरह की परेशानी को एक समय के लिए महसूस करते हैं और यह दर्द बिना किसी सहायता के चला भी जाता है। लेकिन याद रखें, यदि आपको सिर में बार-बार दर्द हो रहा है यह किसी मेडिकल-संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। 15 दिन से एक महीने या उससे ज़्यादा दर्द होने पर डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
सिर दर्द के लक्षण
वैसे तो आमतौर पर इसका लक्षण सर में दर्द होना है। लेकिन कुछ मौकों पर यह अन्य समस्याओं को भी बढ़ावा दे सकता है। जैसे कि बुखार, सांस लेने में दिक्कत या गर्दन में कठोरता। यदि इस तरह की समस्या देखने को मिलती है तो डॉक्टर से बात करें ताकि समय पर जांच हो जाए। दर्द के साथ कुछ अन्य परेशानी भी सामने आ सकती है जिसमें शामिल है कमजो़री, सुनने-बोलने में परेशानी, देखने में दिक्कत, सही से खड़े में परेशानी, लकवा, चक्कर आना, आदि।
सिर दर्द की जांच
सिर दर्द एक ऐसी परिस्थिति है जिसे आमतौर पर हम पहचान लेते हैं। यदि आपको यह दर्द बार-बार परेशान कर रहा है तो दिखाने में देरी ना करें। मीटिंग के दौरान डॉक्टर आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा फिजिकल एग्जा़म की सहायता भी ली जा सकती है। ऐसे मौकों पर कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं जिसमें शामिल है साइनस एक्सरे, एम.आर.आई., सीटी स्कैन और खून की जांच आदि।
सिर दर्द का इलाज
सिर दर्द के इलाज के लिए विभिन्न विकल्प मौजूद हैं। हालांकि इलाज आमतौर पर उसके कारण के मुताबिक किया जाता है। जैसे कि नेज़ल स्प्रे और कुछ अन्य दवाइयों के माध्यम से दर्द को दूर किया जाता है। ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर आपकी डाइट में भी बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसी थैरेपी हैं जो इन स्थितियों में फायदेमंद साबित होती हैं। यदि दर्द ज़्यादा है तो मसाज के माध्यम से भी राहत मिल सकती है।
अब बात आती है माइग्रेन की, तो इसमें भी शुरुआती तौर पर इंजेक्शन और दवाइयों का सहारा लिया जाता है। यदि स्थिति नहीं सुधरती है, तो थैरेपी, एक्सरसाइज़, ट्रेनिंग या फिर डाइट में बदलाव किया जाता है। इन सभी कारणों से भी यदि फायदा ना मिले तो डॉक्टर को सर्जरी की सहायता भी लेनी पड़ती है।
इन सभी बातों के अलावा आप कुछ घरेलू उपचार की भी सहायता ले सकते हैं। सिर दर्द को रोकने के लिए आप गर्म या बर्फ का सेक कर सकते हैं। अपने खान-पान पर ध्यान देने और पर्याप्त नींद निकालने की आदत डालें। अपने जीवन में तनाव को कम रखें।
सिर दर्द से बचने के कुछ उपाय
1. अपने शरीर में पानी की कमी ना होने दें। यदि कोई व्यक्ति डिहाइड्रेशन का शिकार होता है तो यह सिर दर्द को बढ़ावा देने और उसकी स्थिति को ज़्यादा बुरा करने में सहयोगी है।
2. फिज़िकल थेरेपी का सहारा लें जो आपके शरीर को रिलेक्स करने में सहायता दे। इसके लिए आप एक्सरसाइज़, स्ट्रेचिंग आदि का सहारा ले सकते हैं। बेहतर सहायता के लिए आप हमारी टीम से भी बात कर सकते हैं।
3. चाहें तो अपने पेशानी और गर्दन की तरफ कुछ मिनट के लिए मसाज भी कर सकते हैं।
4. विशेषज्ञों के मुताबिक शराब का सेवन करना भी सिर दर्द को बढ़ावा देता है और माइग्रेन जैसी समस्या उत्पन्न करता है। इसलिए इस गतिविधियों को त्यागें और एक बेहतर जीवन की ओर बढ़ें।
5. माइग्रेन की समस्या होने पर आप एक निश्चित मात्रा तक कैफीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. इसके अलावा हमेशा एक ही वक्त पर सोने और उठने की आदत डालें।

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