गाल ब्लैडर में पथरी हो जाने पर क्या करें?
गाल ब्लैडर में पथरी हो जाने पर क्या करें? पित्ताशय की पथरी
अथवा गाल ब्लैडर स्टोन का उपचार शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय
को शरीर से निकाल दिया जाता है ।
यह एक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है जिसमें पेट
में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने
के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है। पित्ताशय की पथरी हो
जाने पर क्या परहेज करना पड़ेगा। पित्त की पथरी में सबसे पहले तो मांसाहारी
से परहेज करें। जिसमें मीट, लाल
मांस, चिकन के अलावा तैलीय
मछली भी न खाएं।
पैकेज्ड फूड में ट्रांस फैटी एसिड होता है
जो पित्त की पथरी के लक्षणों को बढ़ाने का काम करते हैं। चिप्स, कुकीज, मिठाई या मिश्रित
पैक जैसे खाद्य पदार्थ से बचें। पित्त की पथरी होने पर व्हाईट ब्रेड, परिस्कृत आटा पास्ता, सफेद चावल और चीनी
सभी चीजें फैट का रूप ले लेती है, जो
पित्त में कोस्ट्राल को बढ़ाती है। - पित्त की पथरी में डेयरी उत्पादों का सेवन
मत कीजिए। दूध, पनीर, दही, आइसक्रीम, भारी क्रीम और खट्टा
क्रीम से परहेज करें। वनस्पति तेल, मूंगफली का तेल, खट्टे फल, कॉफी, टमाटर सॉस आदि खाना
बंद कर दें। गॉलब्लैडर
में स्टोन होने के क्या नुकसान हैं? गॉलब्लैडर हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम का
एक हिस्सा है। गॉलब्लैडर
एक इंजाइम बनाता है जिसे हम बाइल कहते हैं। बाइल की मदद से लीवर में फैट पचता है।
अगर पित्ताशय की पथरी या गॉलब्लैडर में स्टोन होते हैं तो ये बाइल का रास्ता
रोकते हैं यानी बाइल डक्ट को ब्लॉक कर देते हैं जिसके कारण फैट पचाने वाला
इंजाइम लीवर तक पहुंच नहीं पाता और आपको दर्द, उल्टी, कब्ज की शिकायत होने लगती है। अगर आपके
गॉलब्लैडर में भी जांच के बाद स्टोन की पुष्टि हुई है तो ऐसी डाइट लें
पित्त की पथरी से बचने के लिए यह खाना
चाहिए - फल और सब्जियों की
अधिक मात्रा
थोड़ी मात्रा में कम फैट वाले डेयरी
प्रोडक्ट लें। संभव हो तो साबुत अनाजों से बनी वस्तुएं लें। -
रेशे की अधिकता से युक्त आहार ग्रहण करें।
फलियां, दाल, फल, सब्जियां आदि अधिक
ले।
तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें। जैसे कि
पानी, औषधीय चाय प्रतिदिन
कम से कम दो लीटर सेवन करें।
नियमित योग और व्यायाम करना चाहिए। परहेज के अलावा मरीज
को जल्दी से जल्दी शल्य चिकित्सा द्वारा गाल ब्लेडर को किसी प्रशिक्षित सर्जन
द्वारा सर्जरी करवानी चाहिए। अन्यथा गाल ब्लेडर में काफी सालों तक पड़े
हुए पत्थर गाल ब्लैडर कैंसर का कारण एवं सीबीडी स्टोन नामक अत्यंत खतरनाक बीमारी
को जन्म दे सकते हैं।

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